R-Day 2023 at IMB

Brian is felicitated at IMB, Panjim, Goa

-Brian Mendonca

One of the best things that IMB did this year was to ask for the Hindi translations of the English poems we were reading for the Republic Day eve multilingual poets' meet. IMB even printed some of the poems with their translations and released the souvenir at the meet. 

I asked Vishakha if she would translate some of my poems and she readily agreed. Sharing some of the translations here with her permission. All the poems are from my self-published collection A Peace of India: Poems in Transit (New Delhi, 2010).

 उद्गम

- ब्रायन मेंडोंसा 


भारत के हृदय में

मध्यरात्रि के समय

कोई भी हमेशा लौट सकता है 

जहाँ से उसने की थी शुरुआत 

अगर हो दिल में चाह।

वास्को

या दिल्ली,

निर्भर करता है 

आप किसे मानते हो

आपका उद्गम स्थल

उस निश्चित घड़ी में।

घोर रात्रि के समय

या प्रातःकाल।


अनुवादक - विशाखा विलास हरमलकर


Origins


हाँ, मैं जाऊंगा

- ब्रायन मेंडोंसा


हाँ, मैं जाऊंगा

मेरे 'दोस्तों' को देखने

नदी, पंछी और पेड़

जहाँ पुकारती हो हवा

और जंगल ठहरता है जहाँ,

भारत की कहानियों में

जो अभी भी बतानी बाकी है।

अनुवादक - विशाखा विलास हरमलकर


गोवा एक्सप्रेस

 - ब्रायन मेंडोंसा


यमुना

चंबल

बेतवा

नर्मदा

गोदावरी

कृष्णा

जुवारी


अनुवादक -विशाखा विलास हरमलकर


रवि स्तुति

- ब्रायन मेंडोंसा


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

तुम्हारी जल ध्वनि, जब तुम बहती हो निशा में, 

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

तुम्हारे यह हजारों अनगिनत चेहरे, फिरोजा से लेकर गहरे हरे रंग तक,

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

झरझर आवाज़ में छिपी तुम्हारी प्यारी हंसी एवं तुम्हारे लोगों की तपिश,

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

आपके नाम पर रखें इस बालक को, जो खेलता है चारागाहों में ढलते सूरज के वक्त,

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

तुम्हारा ज्ञान, जो दो देशों के मध्य फैली व्यापक परिधि से हुआ है प्राप्त,

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।   


अगर मैं अपने साथ ले जा सकूं,

तुम्हारी निशब्दता, जो पल-पल मुझे स्वयं की गहराईयों तक पहुंचाती है,

तो मैं जरूर ले जाऊंगा।


अगर मैं हर रात पुनः आ सकूं

और तुम्हारे समीप इस गति में ही स्थिरता से लेट पाऊं,

तो मैं जरूर आऊंगा।


अनुवादक - विशाखा विलास हरमलकर

Hymn to Ravi


The poems are written originally in English.

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Pic of Brian Mendonca taken by student at Institute Menezes Braganza (IMB) on 25th Jan 2023.

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